कॉपीराइट नीति

मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, भारत के साथ आरक्षित हैं। गैर-वाणिज्यिक अनुसंधान, निजी अध्ययन, समीक्षा और समाचार रिपोर्टिंग के प्रयोजनों के लिए वेबसाइट पर पोस्ट की गई सामग्री को बिना औपचारिक अनुमति के पुन: प्रस्तुत किया जा सकता है बशर्ते कि सामग्री उचित रूप से जिम्मेदार हो। हालांकि, सामग्री को सही ढंग से पुन: पेश किया जाना है और इसका उपयोग अपमानजनक तरीके से या भ्रामक संदर्भ में नहीं किया जाना है। इस सामग्री को पुन: पेश करने की अनुमति किसी भी सामग्री तक विस्तारित नहीं होगी, जिसे तीसरे पक्ष के सर्वाधिकार के रूप में पहचाना जाता है। ऐसी सामग्री को पुन: पेश करने का प्राधिकरण संबंधित सर्वाधिकार धारकों से प्राप्त किया जाना चाहिए।

हालांकि, चूंकि यह एक सरकारी विभाग का कर्तव्य है कि वह सार्वजनिक डोमेन में सभी जानकारी को स्वतंत्र रूप से नागरिकों को उपलब्ध कराए, विभागों को एक उदार सर्वाधिकार नीति का लक्ष्य रखना चाहिए।

ये नियम व शर्तें भारतीय विधि द्वारा नियंत्रित एवं उसके अनुसार परिभाषित होंगी। इन नियमों और शर्तों के अधीन उत्पन्न होने वाला कोई भी विवाद भारतीय न्यायालयों के अनन्य क्षेत्राधिकार के अधीन होगा।

मत्स्य विकास कार्यो को सुनियोजित रूप से सम्पादित किये जाने की दृष्टि से वर्ष 1947 में उ.प्र. मत्स्य विभाग की स्थापना पशुपालन विभाग के अन्तर्गत की गयी थी। वर्ष 1966 में मत्स्य विभाग पशुपालन विभाग से पृथक हुआ और स्वतंत्र रूप से कार्य करने लगा। प्रथम पंचवर्षीय योजना अवधि में जमींदारी उन्मूलन के पश्चात् कुछ तालाब मत्स्य विभाग को हस्तान्तरित हुए, जिनमें विकास कार्य प्रारम्भ किया गया

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  • dir.fisheries@up.gov.in

विभाग का पता

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  • +91-522-2740067

उत्तर प्रदेश मत्स्य जीवी सहकारी संघ का पता

  • विकल्प खण्ड-2, गोमती नगर मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबन्ध संस्थान के सामने कठौता ताल के समीप, लखनऊ-226010
  • +91-522-4568521