निजी भूमि पर नये तालाबों का निर्माण एवं प्रथम वर्ष निवेश

निर्माण - 1.5 मीटर गहराई का इनलेट आउटलेट सहित तालाब निर्माण कराया जाता है तत्पश्चात बोरिंग की व्यवस्था व मानक अनुसार मत्स्य बीज का संचय किया जाता है। मत्स्य पालन की अवधि सामान्यतः एक वर्ष की होती है

प्रथम वर्ष निवेश - निजी भूमि पर निर्मित तालाब में प्रथम वर्ष के लिए मत्स्य बीज, मत्स्य पूरक आहार, दवा, बोरिंग एवं खाद आदि की उपलब्धता हेतु अनुदान की व्यवस्था 

पात्रता के नियम एवं शर्तें

निर्माण -

  • निजी भूमि या भूमि का न्यूनतम 07 वर्ष रजिस्टर्ड पट्टा लीज होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अनुसार मछुआ(केवट, मल्लाह, निषाद, बिन्द, धीवर, कश्यप, बाथम, रैकवार, माझी, गोंडिया, कहार, तुरैहा) फिश वर्कर और फिश फार्मर, व फिश वेंडर, मत्स्य विकास निगम, मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/संयुक्त देयता समूह (जेएलजी), मत्स्य सहकारी समितियां, मत्स्य संघ, उद्यमी और निजी फर्म, मछली किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां (एफएफपीओ/सीएस), एससी/एसटी/महिलाएं/दिव्यांग व्यक्ति, राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र और उनकी संस्थाएं जिनमें शामिल हैं, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड (एसएफडीबी), केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएं के लिए 2.0 हे0 एवं स्वयं सहायता समूह/ ज्वाइन्ट लाइविल्टी ग्रुप व मत्स्य जीवी सहकारी समितियों से संबंधित प्रमाणित दस्तावेज के साथ को 20 हे0 की सीमा तक ही अनुदान अनुमन्य होगा तथा एफ०एफ०पी०ओ० की सीमा CAC द्वारा तय की जाएगी
  • जिन आवेदक के नाम से भूमि नहीं है किराये के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं उनके लिय आवेदन के समय भूमि के लिए आवेदक का एक सहमति पत्र का प्रारूप पर स्वप्रमाणित सहमति पत्र देना होगा परंतु चयन होने के बाद रेजिस्टर्ड लीज उपलब्ध कराना होगा
  • इकाई लागत - ₹7.0 लाख प्रति हे0
  • अनुदान-सामान्य व अन्य 40 प्रतिशत तथा अनु० जाति, अनु०जनजाति एवं महिला 60 प्रतिशत

प्रथम वर्ष निवेश -

  • निजी भूमि या भूमि का न्यूनतम 07 वर्ष रजिस्टर्ड पट्टा लीज होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अनुसार मछुआ(केवट, मल्लाह, निषाद, बिन्द, धीवर, कश्यप, बाथम, रैकवार, माझी, गोंडिया, कहार, तुरैहा) फिश वर्कर और फिश फार्मर, व फिश वेंडर, मत्स्य विकास निगम, मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/संयुक्त देयता समूह (जेएलजी), मत्स्य सहकारी समितियां, मत्स्य संघ, उद्यमी और निजी फर्म, मछली किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां (एफएफपीओ/सीएस), एससी/एसटी/महिलाएं/दिव्यांग व्यक्ति, राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र और उनकी संस्थाएं जिनमें शामिल हैं, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड (एसएफडीबी), केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएं के लिए 2.0 हे0 एवं स्वयं सहायता समूह/ ज्वाइन्ट लाइविल्टी ग्रुप व मत्स्य जीवी सहकारी समितियों से संबंधित प्रमाणित दस्तावेज के साथ को 20 हे0 की सीमा तक ही अनुदान अनुमन्य होगा तथा एफ०एफ०पी०ओ० की सीमा CAC द्वारा तय की जाएगी
  • जिन आवेदक के नाम से भूमि नहीं है किराये के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं उनके लिय आवेदन के समय भूमि के लिए आवेदक का एक सहमति पत्र का प्रारूप पर स्वप्रमाणित सहमति पत्र देना होगा परंतु चयन होने के बाद रेजिस्टर्ड लीज उपलब्ध कराना होगा
  • इकाई लागत - ₹ 4.0 लाख प्रति हे0
  • अनुदान - सामान्य 40 प्रतिशत तथा अनु० जाति, अनु०जनजाति एवं महिला 60 प्रतिशत

 


निजी भूमि पर नये तालाबों का निर्माण एवं प्रथम वर्ष निवेश