उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष अंतर्गत मत्स्य पालक/मछुआ को जल-जीव पालन संबंधी गतिविधियों हेतु विद्युत पर राज्य सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान हैl मत्स्य पालक/मछुआरा परिवारों को मत्स्य पालन से संबंधित तालाबों, एवं अन्य परियोजनाओं मे जलापूर्ति के लिए नलकूपों के संचालन आदि हेतु लिए गए मात्स्यिकी गतिविधि हेतु वाणिज्यिक विद्युत कनेक्शन के व्यय भार पर निम्नलिखित मानकों के अनुसार उ. प्र. मत्स्य पालक कल्याण कोष से सहायता धनराशि उपलब्ध कराया जाएगा-
पात्रता के नियम एवं शर्तें
1.1 उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष अंतर्गत मत्स्य पालक/मछुआ को जल-जीव पालन संबंधी गतिविधियों हेतु विद्युत पर राज्य सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान हैl मत्स्य पालक/मछुआरा परिवारों को मत्स्य पालन से संबंधित तालाबों, एवं अन्य परियोजनाओं मे जलापूर्ति के लिए नलकूपों के संचालन आदि हेतु लिए गए मात्स्यिकी गतिविधि हेतु वाणिज्यिक विद्युत कनेक्शन के व्यय भार पर निम्नलिखित मानकों के अनुसार उ. प्र. मत्स्य पालक कल्याण कोष से सहायता धनराशि उपलब्ध कराया जाएगा-
(अ) एक वित्तीय वर्ष में प्रति हे0 अधिकतम 5000 यूनिट वार्षिक विद्युत भार पर ही सहायता धनराशि दी जा सकेगी ।
(ब) न्यूनतम 0.20 हे0 से अधिकतम 2.00 हे0 की सीमा तक के तालाब पर विद्युत कनेक्शन धारक को सहायता प्रदान किए जाने हेतु यूनिट की गणना तालाब क्षेत्रफल के अनुसार आनुपातिक आधार पर किया जाएगा।
(स) मत्स्य पालन तालाबों /मत्स्य बीज रियरिंग तालाब एवं आर0ए0एस0/ बायोफलॉक/ हैचरी में जलापूर्ति हेतु वाणिज्यिक विद्युत कनेक्शन होना चाहिए।
(द) आवेदक द्वारा भुगतान किए गए बीजक एवं भुगतान रसीद के साथ आवेदन प्रस्तुत करने पर संबंधित मत्स्य पालक/मछुआ को उसके द्वारा विद्युत विभाग को कुल भुगतान की गई धनराशि का 40% धनराशि अनुदान सहायता के रूप में उ. प्र. मत्स्य पालक कल्याण कोष से प्रदान किया जाएगा l
1.2 पात्रता हेतु मानक:
1.2(1) आवेदक मत्स्य पालक/मछुआ के रूप में कल्याण कोष में परिभाषित परंपरागत मत्स्य आखेटक, केवट,मल्लाह,निषाद, बिन्द, धीमर, कश्यप,बाथम,रैकवार,मांझी,गोंडिया,कहार,तुरैहा अथवा तुराहा समुदाय से संबंधित ऐसा व्यक्ति अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रियाकलापों से सक्रिय रूप से जुड़ा हो तथा उससे अपना जीविकोपार्जन करता हो एवं उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हों, इस कार्यक्रम हेतु लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगे l
1.2 (2) विद्युत कनेक्शन आवेदक पट्टाधारक/ मत्स्य पालक के नाम से ही होना आवश्यक है l
1.2 (3) विद्युत कनेक्शन LMV5 (वाणिज्यिक) श्रेणी में मात्र मात्स्यिकी हेतु होना आवश्यक है l
1.2 (4) तालाब का क्षेत्रफल न्यूनतम 0.20 हे0 से अधिकतम 2.00 हे0 तक की सीमा तक होना चाहिए, आर.ए.एस./ बायोफलॉक/ हैचरी की स्थिति में क्षेत्रफल के स्थान पर परियोजना की इकाई होगी l
1.3 लाभार्थी चयन प्रक्रिया:
1.3(1) योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक को विभागीय पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगाl
1.3(2 ) लाभार्थी का चयन जनपद स्तर पर उ. प्र. मत्स्य पालक कल्याण कोष के शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म-2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 मे जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से जनपद स्तर पर विभागीय पोर्टल पर आनलाइन प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष पात्र पाए गए आवेदनों का डिजिटल लाटरी द्वारा रैंडमाइज कर वरीयता क्रम निर्धारित करते हुए किया जाएगा l
1.3(3) प्रदेश स्तर पर उपलब्ध बजट सीमा अंतर्गत महानिदेशक मत्स्य द्वारा जिला स्तरीय चयन समिति से डिजिटल लाटरी द्वारा रैंडमाइज वरीयता क्रम के अनुसार चयनित आवेदकों के सापेक्ष जनपदवार लक्ष्य निर्धारण प्रस्तावित कर मत्स्य पालक कल्याण कोष के प्रबंध समिति के अनुमोदन उपरांत धनराशि जनपदों को आबंटित की जाएगीl
1.4 अन्य बिन्दु :
1.4(1) चयनित लाभार्थियों को विद्युत सहायता की धनराशि मत्स्य पालन से संबंधित तालाबों एवं अन्य मत्स्य पालन परियोजनाओं मे जलापूर्ति हेतु लिए गए नलकूपों पर मात्स्यिकी हेतु विद्युत कनेक्शन (LMV5 वाणिज्यिक श्रेणी) के व्यय भार पर भुगतान किए गए बीजक एवं भुगतान रसीद को प्रस्तुत करने पर संबंधित चयनित लाभार्थी को उसके द्वारा विद्युत विभाग को कुल भुगतान की गई धनराशि का 40% धनराशि सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी l
1.4(2) चयनित लाभार्थियों को सहायता/ अनुदान का लाभ दिए जाने के पूर्व जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा नलकूप आदि पर विद्युत संयोजन का स्थलीय सत्यापन जी0पी0एस0 फोटोग्राफ्स सहित किया जाएगा एवं अनुदान सहायता की धनराशि विद्युत विभाग से सत्यापन उपरांत बैकइंडेड अनुदान के रूप में डी0बी0टी0 द्वारा लाभार्थी के खाते में उपलब्ध कराई जाएगीl
1.4(3) कार्यक्रम / योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण जनपदीय सहायक निदेशक मत्स्य/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण मुख्यालय एवं मंडलीय अधिकारी द्वारा समय समय पर औचक निरीक्षण करते हुए किया जाएगा। निदेशक मत्स्य तथा जिला स्तरीय समिति द्वारा कार्यक्रम /योजना का अनुश्रवण किया जाएगा।



