शिक्षा हेतु सहायता

आवेदक मत्स्य पालक/मछुआ के रूप में कल्याण कोष में परिभाषित परंपरागत मत्स्य आखेटक, केवट,मल्लाह,निषाद,बिन्द,धीमर,कश्यप,बाथम,रैकवार,मांझी,गोंडिया, कहार, तुरैहा अथवा तुराहा समुदाय से संबंधित ऐसा व्यक्ति अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रियाकलापों से सक्रिय रूप से जुड़ा हो तथा उससे अपना जीविकोपार्जन करता हो, एवं उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हों, इस कार्यक्रम हेतु लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगे l

पात्रता के नियम एवं शर्तें

उ0 प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 एवं प्रथम संशोधन उत्तर प्रदेश मत्स्य (विकास एवं नियंत्रण) नियमावली 1954, उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास(विकास एवं नियंत्रण) (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2019 तथा उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास (विकास एवं नियंत्रण) (तृतीय संशोधन) नियमावली 2022 मे उल्लिखित प्रावधानों के क्रम मे  शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म -2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 द्वारा  निर्गत दिशा निर्देश में उ0 प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष अंतर्गत मछुआरा/मत्स्य पालक को शिक्षा हेतु सहायता (कोचिंग, कौशल उन्नयन , छात्रवृति आदि) प्रदान किया जाना प्रावधानित है l मत्स्य विकास (विकास एवं नियंत्रण) (तृतीय संशोधन) नियमावली 2022 के संशोधित नियम 5 (13) में उल्लिखित है कि लाभार्थियों की पात्रता के मापदंड भारत सरकार के मत्स्य विभाग के केंद्र प्रायोजित योजनाओ के अधीन समय समय पर राजस्व विभाग/पिछड़ा वर्ग/कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित विहित पात्रता शर्तों के अनुसार लागू किए जाएंगे।

उक्त के क्रम में मछुआरा/मत्स्य पालक परिवार के अध्यनरत् बच्चों को शिक्षा हेतु सहायता शासनादेश संख्या :4/2016/170/64-2-2016-1(141)/2003 पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग-2 दिनांक  12 अप्रैल 2016 ,के साथ संलग्न नियमावली कार्यालय  ज्ञाप संख्या :169/64-2-2016-1(141)/2003 पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग-2 दिनांक  12 अप्रैल 2016, शासनादेश संख्या -22/2016/536/64-2-2016-1(छात्रवृत्ति)/2013 पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग-2 दिनांक  19 अगस्त 2016  उत्तर प्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग-2 संख्या-20/2017/902/64-2-2017-1 (छात्रवृत्ति)/ 2013 दिनांक: 08 दिसम्बर, 2017 के कार्यालय-ज्ञाप द्वारा उत्तर प्रदेश अन्य पिछडा वर्ग (अल्पसंख्यक पिछडे वर्ग को छोडकर) दशमोतर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति (पंचम संशोधन) नियमावली, 2017 मे निहित प्रावधानों / नियमावली के अंतर्गत उल्लिखित मानकों /निर्धारित धनराशि के अनुसार मत्स्य पालक / मछुआरा परिवार के अध्ययनरत  बच्चों को शिक्षा हेतु सहायता अंतर्गत दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति ऐसे छात्रों को प्रदान किया जाएगा जिन्हे इस हेतु पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज  कल्याण विभाग या राज्य सरकार /भारत सरकार की किसी अन्य योजना से शुल्क प्रतिपूर्ति या सहायता राशि उपलब्ध न हुई हो को निम्न शर्तों/ प्रतिबंधों के अधीन प्रदान की जा सकेगी।

शुल्क प्रतिपूर्ति:

  1. पात्रता हेतु मानक:
    1. योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक को विभागीय पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।
    2. आवेदक मछुआ के रूप में कल्याण कोष के शासन द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों में परिभाषित 12 उपजातियां- केवट, मल्लाह, निषाद,बिन्द,धीमर,कश्यप,बाथम,रैकवार,मांझी,गोंडिया,कहार,तुरैहा अथवा तुराहा समुदाय/ परंपरागत मत्स्य आखेटक से संबंधित ऐसा व्यक्ति अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रिया-कलापों से सक्रिय रूप से जुड़ा हो तथा उससे अपना जीविकोपार्जन करता हो,  के अध्ययनरत् छात्र इस कार्यक्रम हेतु लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगेl
    3. आवेदक की माता-पिता/ अभिभावक की समस्त स्रोतों से वार्षिक कुल आय रु0 2.00 लाख  से अधिक न हों।
    4.  आवेदक जिन्हें पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज  कल्याण विभाग या राज्य सरकार /भारत सरकार की किसी अन्य योजना से छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति या सहायता राशि उपलब्ध न हुई हो, ही पात्र होंगे।
    5. उप जिलाधिकारी / तहसीलदार द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र  आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा ।
    6. शिक्षा सहायता हेतु निर्धारित शुल्क के अंतर्गत प्रवेश, पंजीकरण, परीक्षा शिक्षा, खेल, लाइब्रेरी और ऐसे अन्य अनिवार्य व वापस न किया जाने शुल्क आदि जो सक्षम स्तर से अनुमन्य हो, शामिल होगा।
    7. जिन मान्यता प्राप्त संस्थानों में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में शुल्क संरचना निर्धारित करने की शक्ति केन्द्र या राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को है, उन मान्यता प्राप्त संस्थानों में संचालित मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों की अनुमोदित सीट के सापेक्ष राज्य अथवा केन्द्र सरकार, के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना के अनुसार ली जाने वाली अनिवार्य व वापस न की जाने वाली शुल्क की राशि अथवा नीचे उल्लिखित समूहवार निर्धारित धनराशि में से. जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जायेगी।
    8. शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु निम्नानुसार 04 समूह में अध्यनरत् छात्र के पाठ्यक्रम को सूचीबद्ध करते हुए उन्हें इस हेतु निर्धारित  सहायता धनराशि प्रदान की जा सकेगी –

क्र0

समूह

1

समूह 1 से तात्पर्य स्नातक एवं परास्नातक स्तर के समस्त तकनीकी पाठ्यक्रम से है।

2

समूह 2 से तात्पर्य परास्नातक स्तर के गैर तकनीकी/व्यवसायिक पाठ्यक्रम से है।

3

समूह 3 से तात्पर्य स्नातक स्तर के गैर तकनीकी/व्यवसायिक पाठ्यक्रम से है।

4

समूह 4 से तात्पर्य इंटरमीडिएट एवं समकक्ष स्तर के तकनीकी/व्यवसायिक पाठ्यक्रम से है।

  1.  शुल्क /फीस :
  1. "शुल्क का तात्पर्य ऐसी अनिवार्य धनराशि से है, जो अभ्यर्थियों द्वारा संस्थान या विश्वविद्यालय अथवा बोर्ड को भुगतान किया जाता है. तथापि जमानती जमा राशि जैसी वापस की जाने वाली धनराशि इसमें शामिल नहीं होगी। शुल्क के अन्तर्गत प्रवेश, पंजीकरण, परीक्षा, शिक्षा, खेल, लाइब्रेरी और ऐसे अन्य अनिवार्य व वापस न किए जाने वाला शुल्क आदि, जो सक्षम स्तर से अनुमन्य हो. शामिल होगा। छात्रावास/मेस शुल्क जैसे शुल्क इसमें सम्मिलित नहीं होंगे।
  2. - जिन मान्यता प्राप्त संस्थानों में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में शुल्क संरचना निर्धारित करने की शक्ति केन्द्र या राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को है. उन मान्यता प्राप्त संस्थानों में संचालित मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों की अनुमोदित सीट के सापेक्ष राज्य अथवा केन्द्र सरकार, के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना के अनुसार ली जाने वाली अनिवार्य व वापस न की जाने वाली शुल्क की राशि अथवा नीचे उल्लिखित समूहवार निर्धारित धनराशि में से जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जायेगी।

2(i) समूह-1 के पाठ्यक्रमों हेतु ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के सम्बन्धित कॉलम में छात्र द्वारा भरी गयी वार्षिक अनिवार्य नॉन- रिफण्डेपुल शुल्क की धनराशि अथवा पाठ्यक्रम हेतु सक्षम प्राधिकारी स्तर से अनुमोदित वार्षिक अनिवार्य नॉन-रिफण्डेयुल शुल्क अथवा शिक्षण संस्थान द्वारा छात्र से जमा करायी गयी शुल्क की निर्धारित धनराशि अथवा रु0 50000/- में से. जो भी न्यूनतम धनराशि होगी. शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र के बैंक खाते में सीधे अन्तरित की जाएगी।

2(ii)समूह-2 के पाठ्यक्रमों हेतु ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के सम्बन्धित कॉलम में छात्र द्वारा भरी गयी वार्षिक अनिवार्य नॉन-रिफण्डेबुल शुल्क की धनराशि अथवा पाठ्यक्रम हेतु सक्षम प्राधिकारी स्तर से अनुमोदित वार्षिक अनिवार्य नॉन-रिफण्डेबुल शुल्क अथवा शिक्षण संस्थान द्वारा छात्र से जमा करायी गयी शुल्क की निर्धारित धनराशि अथवा रु० 30000/- में से, जो भी न्यूनतम धनराशि होगी, शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र के बैंक खाते में सीधे अन्तरित की जाएगी।

2(iii) समूह-3 के पाठ्यक्रमों हेतु ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के सम्बन्धित कॉलम में छात्र द्वारा भरी गयी वार्षिक अनिवार्य नॉन-रिफण्डेबुल शुल्क की धनराशि अथवा पाठ्यक्रम हेतु सक्षम प्राधिकारी स्तर से अनुमोदित वार्षिक अनिवार्य नॉन- रिफण्डेबुल शुल्क अथवा शिक्षण संस्थान द्वारा छात्र से जमा करायी गयी शुल्क की निर्धारित धनराशि अथवा तकनीकी डिप्लोमा कोर्सों हेतु रू0 20000/- में से, जो भी न्यूनतम धनराशि होगी. शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र के बैंक खाते में सीधे अन्तरित की जाएगी।

2(iv) समूह-4 के पाठ्यक्रमों हेतु ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के सम्बन्धित कॉलम में छात्र द्वारा भरी गयी वार्षिक अनिवार्य नॉन-रिफण्डेबुल शुल्क की धनराशि अथवा पाठ्यक्रम हेतु सक्षम प्राधिकारी स्तर से अनुमोदित वार्षिक अनिवार्य नॉन- रिफण्डेबुल शुल्क अथवा शिक्षण संस्थान द्वारा छात्र से जमा करायी गयी शुल्क की निर्धारित धनराशि अथवा रू0 10000/- में से, जो भी न्यूनतम धनराशि होगी. शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र के बैंक खाते में सीधे अन्तरित की जाएगी।

  1. शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त व निजी शिक्षण संस्थानों/ निजी विश्वविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की फीस प्रतिपूर्ति उन्ही शिक्षण संस्थानों / विश्वविद्यालयों में संचालित नियमित पाठ्यक्रम की अनुमन्य शुल्क के बराबर प्रदान की जायेगी। यदि संबंधित शिक्षण संस्थान/विश्वविद्यालय में उक्त पाठ्यक्रम नियमित पाठ्यक्रम के रूप में संचालित नहीं है तब प्रदेश स्तर पर सम्बन्धित शिक्षण संस्थान / विश्वविद्यालय की श्रेणी के अन्य शिक्षण संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में संचालित नियमित पाठ्यक्रमों की सक्षम स्तर से निर्धारित शुल्क धनराशि में से सबसे न्यूनतम धनराशि अथवा उपरोक्त वर्णित समूहवार कोर्सों हेतु निर्धारित शुल्क, में से जो भी कम हो, देय होगी ।
  2. प्रदेश के विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध जिन निजी क्षेत्र के मान्यता प्राप्त संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों के शुल्क सक्षम प्राधिकारी स्तर से निर्धारित नहीं है, उन संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों हेतु प्रदेश के किसी भी राज्य विश्वविद्यालयों में संचालित उसी पाठ्यक्रम (स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों को छोड़ते हुए) में निर्धारित न्यूनतम शुल्क अथवा संस्था द्वारा छात्रों से जमा करायी गयी वास्तविक फीस अथवा उपर्लिखित समूहवार निर्धारित धनराशि में से, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जायेगी।
  3. आनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन पत्र के सम्बन्धित कालम में छात्र द्वारा भरी गयी वार्षिक अनिवार्य नान रिफण्डेवुल शुल्क की धनराशि अथवा पाठ्यक्रम हेतु सक्षम प्राधिकारी स्तर से अनुमोदित वार्षिक अनिवार्य नान रिफण्डेबुल शुल्क अथवा शिक्षण संस्थान द्वारा छात्र से जमा करायी गयी शुल्क की वास्तविक धनराशि अथवा उपर्लिखित समूहवार निर्धारित धनराशि में से, जो भी न्यूनतम धनराशि होगी, शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र के बैंक खाते में सीधे अन्तरित की जायेगी।
  4. शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त व निजी शिक्षण संस्थानों/ निजी विश्वविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की फीस प्रतिपूर्ति उन्ही शिक्षण संस्थानों / विश्वविद्यालयों में संचालित नियमित पाठ्यक्रम की शुल्क के बराबर प्रदान की जायेगी। यदि संबंधित शिक्षण संस्थान/विश्वविद्यालय में उक्त पाठ्यक्रम नियमित पाठ्यक्रम के रूप में संचालित नहीं है तब प्रदेश स्तर पर सम्बन्धित शिक्षण संस्थान / विश्वविद्यालय की श्रेणी के अन्य शिक्षण संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में संचालित रेगुलर पाठ्यक्रमों की सक्षम स्तर से निर्धारित शुल्क धनराशि में से सबसे न्यूनतम धनराशि अथवा उपरोक्त वर्णित समूहवार पाठ्यक्रमों हेतु निर्धारित शुल्क, में से जो भी कम हो, प्रदान की जायेगी।

4- अन्य बिन्दु

    1. ऐसे अभ्यर्थी जिनके माता-पिता/अभिभावक की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय रू0 2.00 लाख से अधिक न हो, ही पात्र होंगे।
    2.  एक ही माता-पिता/अभिभावक के सभी बच्चे योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे।
    3.  इस योजना के अधीन शुल्क प्रतिपूर्ति पाने वाला छात्र अन्य किसी योजना / विभाग से  शुल्क प्रतिपूर्ति  नहीं लेगा।
    4. अपूर्ण आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा ।
    5. आवेदक को सक्षम स्तर से निर्गत जाति एवं आय प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा ।
    6. आवेदक को आनलाइन आवेदन के साथ इस आशय का शपथ पत्र / प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा कि उसके द्वारा प्रदेश में समाज कल्याण विभाग, अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग व अन्य किसी विभाग या योजना तथा भारत सरकार की किसी योजनान्तर्गत उसे शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई है / न ही स्वीकृत हुई हैl
    7. जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति  धनराशि भुगतान के पूर्व संबंधित विभाग (अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग/ संबंधित शिक्षण संस्थान) से यह पुष्टि करते हुए प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाय कि आवेदनकर्ता छात्र को कोई शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई है / न ही स्वीकृत हुई है एवं छात्र संस्थान में पंजीकृत है l
    8.  कार्यक्रम / योजना का संचालन, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण जनपदीय सहायक  निदेशक  मत्स्य/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण मुख्यालय  एवं मंडलीय अधिकारी द्वारा समय समय पर औचक निरीक्षण करते हुए किया जाएगा। निदेशक मत्स्य तथा जिला स्तरीय समिति द्वारा कार्यक्रम /योजना का अनुश्रवण  किया जाएगा।
    9.  शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म -2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 द्वारा  निर्गत मार्ग निर्देश में उल्लिखित प्रावधान भी प्रभावी रहेंगे ।”