वैवाहिक सहायता

आवेदक मत्स्य पालक/मछुआ के रूप में कल्याण कोष में परिभाषित परंपरागत मत्स्य आखेटक, केवट,मल्लाह,निषाद,बिन्द,धीमर,कश्यप,बाथम,रैकवार,मांझी,गोंडिया, कहार, तुरैहा अथवा तुराहा समुदाय से संबंधित ऐसा व्यक्ति अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रियाकलापों से सक्रिय रूप से जुड़ा हो तथा उससे अपना जीविकोपार्जन करता हो, एवं उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हों, इस कार्यक्रम हेतु लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगे l

पात्रता के नियम एवं शर्तें

1.1  उ0 प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष के क्रियान्वयन हेतु शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म -2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 द्वारा  निर्गत मार्ग निर्देश में उ0 प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष अंतर्गत मत्स्य पालक/मछुआरा को वैवाहिक सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है l मत्स्य विकास (विकास एवं नियंत्रण) (तृतीय संशोधन) नियमावली 2022 के संशोधित नियम 5 (13) में उल्लिखित है कि लाभार्थियों की पात्रता के मापदंड भारत सरकार के मत्स्य विभाग के केंद्र प्रायोजित योजनाओ के अधीन समय समय पर राजस्व विभाग/पिछड़ा वर्ग/कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित विहित पात्रता शर्तों के अनुसार लागू किए जाएंगे।

उक्त के क्रम में मत्स्य पालक / मछुआरा को वैवाहिक सहायता प्रदान किए जाने हेतु समाज कल्याण विभाग के शासनादेश संख्या -161/2017/44वी.आई.पी./26-3-2017-4(188)/93 टी.सी. समाज कल्याण अनुभाग-3 लखनऊः दिनांक 12 अक्टूबर 2017, शासनादेश संख्या -149/2018/ 2082/26-3-2018-4(188)/93टी0सी0 समाज कल्याण अनुभाग-3 लखनऊः 27 जून 2018, शासनादेश संख्या -40/2019/625/26-3-2019-4(188)/93टी0सी0 समाज कल्याण अनुभाग-3 लखनऊः दिनांक 06 फरवरी, 2019 द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के मार्ग निर्देश/मानक/निर्धारित धनराशि के अनुसार एक जोड़े पर कुल रु0 51000.00 धनराशि एवं समय समय पर शासन द्वारा यथा संशोधित मानकों/धनराशि के अनुसार मत्स्य पालक/मछुआ परिवार की ऐसी पुत्रियों के विवाह हेतु सहायता प्रदान की जाएगी जो प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना या वैवाहिक सहायता संबंधी अन्य किसी योजना से लाभान्वित नही हुए हों l    

1.2 पात्रता हेतु मानक:

 

1.2(1) आवेदक मत्स्य पालक/मछुआ के रूप में कल्याण कोष में परिभाषित परंपरागत मत्स्य आखेटक, केवट,मल्लाह,निषाद,बिन्द,धीमर,कश्यप,बाथम,रैकवार,मांझी,गोंडिया, कहार, तुरैहा अथवा तुराहा समुदाय से संबंधित ऐसा व्यक्ति अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रियाकलापों से सक्रिय रूप से जुड़ा हो तथा उससे अपना जीविकोपार्जन करता हो, एवं उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हों, इस कार्यक्रम हेतु लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगे l

1.2 (2)  आवेदक के परिवार की वार्षिक आय सीमा रु0 2.00 लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए l

1.2(3)  आवेदक को आनलाइन आवेदन के साथ इस आशय का शपथ पत्र / प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा कि उसके द्वारा वैवाहिक सहायता हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना या भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना से कोई सहायता प्राप्त नहीं किया है

1.3    वैवाहिक कार्यक्रम हेतु मदवार मात्रकृत धनराशि:

वैवाहिक कार्यक्रम हेतु मदवार मात्रकृत धनराशि का विवरण निम्नवत है:

 

क्र 0

मद

धनराशि (रू० में)

1

कन्या के खाते  मे (दाम्पत्य  जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु सहायता राशि)

35000

2

विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री पर व्यय (कपड़े, पायल, बिछिया, कम से के 07 बर्तन आदि)

10000

3

कार्यक्रम के आयोजन हेतु व्यय (भोजन, पंडाल, फर्नीचर, विददुत /प्रकाश व्यवस्था आदि हेतु )

6000

 

योग

51000

 

 

 

 

 

 

 

 

 

1.4    लाभार्थी चयन प्रक्रिया

1.4 (1)  योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक को विभागीय पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा l

1.4(2) लाभार्थी का चयन जनपद स्तर पर उ0 प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष के शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म -2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 मे जनपद स्तर पर  जिलाधिकारी की  अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय  समिति के माध्यम से जनपद स्तर पर विभागीय पोर्टल पर आनलाइन प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष पात्र पाए गए आवेदनों  का डिजिटल लाटरी द्वारा  रैंडमाइज  कर वरीयता क्रम निर्धारित करते हुए किया जाएगा l  

1.4(3)  प्रदेश स्तर पर उपलब्ध बजट सीमा अंतर्गत निदेशक मत्स्य द्वारा जिला स्तरीय चयन समिति से डिजिटल लाटरी द्वारा  रैंडमाइज  वरीयता क्रम के अनुसार चयनित आवेदकों के सापेक्ष  जनपदवार धनराशि निर्धारण  प्रस्तावित कर मत्स्य पालक कल्याण कोष के प्रबंध समिति के अनुमोदन उपरांत धनराशि जनपदों को आबंटित की जाएगीl

1.5    अन्य बिन्दु :

1.5(1)  आवेदक के विवाह का पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध करना अनिवार्य होगा l

1.5(2)  विवाह से संबंधित जी0 पी0 एस0 फोटोग्राफस जिसमे वैवाहिक कार्यक्रमों मे उपस्थित जन सामान्य  भी दर्शित हों आवेदन के समय उपलब्ध / संलग्न करना होगा l

1.5(3) विवाह कार्यक्रम हेतु क्रय की गई सामग्री एवं कार्यक्रम के आयोजन में व्यय हुई धनराशि के संबंध में पंजीकृत फर्म का वाउचर्स / भुगतान रसीद आवेदन के साथ संलग्न करना होगा l

1.5(4) जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा सहायता धनराशि भुगतान के पूर्व जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी/ सहायक श्रमायुक्त/श्रम विभाग के जनपदीय अधिकारी एवं अन्य विभाग के जनपदीय अधिकारी यदि संबंधित हो, से सत्यापित कराते हुए इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाय कि आवेदक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना या उनके विभाग द्वारा संचालित किसी अन्य समानांतर योजनान्तर्गत चयनित/लाभान्वित नहीं है l  

1.5(5)  चयनित लाभार्थियों को परियोजना का लाभ दिए जाने के पूर्व जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा स्थलीय सत्यापन एवं मानकों के अनुसार धनराशि व्यय किए जाने पर अनुदान सहायता की धनराशि बैकइंडेड सहायता के रूप मे एक किश्त में डी0बी0टी0 के माध्यम से विवाहिता कन्या के खाते में उपलब्ध कराई जाएगीl   

1.5(6)  कार्यक्रम/योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण जनपदीय सहायक  निदेशक  मत्स्य/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण मुख्यालय  एवं मंडलीय अधिकारी द्वारा समय समय पर औचक निरीक्षण करते हुए किया जाएगा। निदेशक मत्स्य तथा जिला स्तरीय समिति द्वारा कार्यक्रम /योजना का अनुश्रवण  किया जाएगा।

1.5(7)  शासनादेश संख्या 6/2023/270/सत्रह-म -2023-17-1099/55/2021 दिनांक 06 मार्च, 2023 द्वारा  निर्गत मार्ग निर्देश के प्रस्तर-2 के बिन्दु संख्या 1 से 20 तक में उल्लिखित प्राविधान प्रभावी रहेंगे ।