सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना

पात्रता के नियम एवं शर्तें

प्रदेश में ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य स्थानीय मछुआरों व पट्टाधारकों द्वारा परम्परागत तरीके से किया जा रहा है। इन तालाबों की वार्षिक मत्स्य उत्पादकता मात्र 25-30 कुन्टल प्रति हेक्टेयर है। इन तालाबों का मनरेगा कन्वर्जेन्स के माध्यम से सुधार कराकर अथवा स्वयं के संसाधन से सुधारे गये ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन हेतु प्रथम वर्ष निवेश पर अनुदान उपलब्ध कराते हुए मत्स्य उत्पादकता को 50 कुन्टल प्रति हेक्टेटयर प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पट्टे के तालाबों में स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता का मत्स्य बीज(फिंगर लिंग) उत्पादन करने हेतु भी इस योजना में निवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिससे आस-पास के मत्स्य पालकों को उच्च गुणवत्ता का मत्स्यबीज उपलब्ध हो सकेगा। ग्राम सभा के तालाबों के पट्टाधारकों व मछुआरों की आय में वृद्धि व उनका आर्थिक व सामाजिक उत्थान किया जाना सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। वर्तमान में प्रचलित "प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना" में ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों पर कोई परियोजना अनुमन्य नहीं है। इसकी रिक्तता को भरने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 से शासनादेश सं0-1580/सत्रह-म-2022-17-1002(009)/2/2022 पार्ट-3 दिनांक 30.12.2022 के माध्यम से एक नवीन योजना मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना(MMMSY) प्रारम्भ की गयी है। इस योजनान्तर्गत दो परियोजनाएं संचालित की जाएंगी:

सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना